राधे राधे बोल श्याम मिल जासी,
तर्ज – धीरे धीरे बोल कोई सुन ना ले
राधे राधे बोल श्याम मिल जासी,
मिल जासी श्याम मिल जासी,
राधे राधे बोल श्याम मिल जासी,
मिल जासी श्याम मिल जासी,
मुख में राधे श्याम है,
तो फिर डरने को के काम है,
राधे राधे बोल श्याम मिल जासी,
मिल जासी श्याम मिल जासी।।
राधे है जग जीवन को आधार,
राधे नाम श्याम सुख को है सार,
क्यों ना रटे, क्यों ना रटे,
संकट कटे, संकट कटे,
दुविधा हटे, दुविधा हटे,
मत ना नटे, मत ना नटे,
हो सुखदाई यो नाम है,
तो फिर डरने को के काम है,
राधे-राधे बोल श्याम मिल जासी,
मिल जासी श्याम मिल जासी।।
मनवा अब तो राधे राधे बोल,
बित्यो जावे यो जीवन अनमोल,
नादान तू, नादान तू,
मेरी मान तू, मेरी मान तू,
अनजान तू, अनजान तू,
धर ध्यान तू, धर ध्यान तू,
यो जीवन संग्राम है,
पर डरने को के काम है,
राधे-राधे बोल श्याम मिल जासी,
मिल जासी श्याम मिल जासी।।
राधे राधे हरदम कर तू जाप,
रास बिहारी दोड़्यो आवे आप,
गुण गावेगो, गुण गावेगो,
सुख पावेगो, सुख पावेगो,
श्याम आवेगों, श्याम आवेगों,
मिल जावेगो, मिल जावेगो,
“लख्खा” सुन पैगाम है,
फिर डरने को के काम है,
राधे-राधे बोल श्याम मिल जासी,
मिल जासी श्याम मिल जासी।।
राधे राधे बोल श्याम मिल जासी,
मिल जासी श्याम मिल जासी,
मुख में राधे श्याम है,
तो फिर डरने को के काम है,
राधे राधे बोल श्याम मिल जासी,
मिल जासी श्याम मिल जासी।।