थारी चाकरी करूँ मैं,
खाटू वाले श्याम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी।।
थारा हुक्म बजाऊं बाबा,
दुनिया ने बिसरा के,
खड़ा रहूं चौखट पे बाबा,
हरदम शीश झुका के,
हाथ जोड़के करूँगा,
थारे काम श्याम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी।।
ना तनख्वाह की टेंशन बाबा,
ना टीए ना डीए,
मैं थारा सीए आज से,
मैं ही थारा पीए,
करो आठों याम ठाठ से,
आराम श्याम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी।।
भजन सुनाऊँ भोग लगाऊं,
करूँ आरती थारी,
देख मोहनी सूरत बाबा,
जाऊँ मैं बलिहारी,
रहूं बण के तुम्हारा,
गुलाम श्याम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी।।
थारी चाकरी करूँ मैं,
खाटू वाले श्याम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी,
अपने प्रेमियों में,
म्हारा भी लिखा लो नाम जी।।
स्वर – कुमार विशु जी।