भोले बाबा का वंदन,
आसान होता है,
इन्हें जल चढाने से,
इन्हें जल चढाने से,
कल्याण होता है,
भोलें बाबा का वंदन,
आसान होता है।।
तर्ज – सिंदूर चढाने से हर काम।
ये भांग धतुरा ही,
खुश होकर खाते है,
कोई मेवा छप्पन भोग,
ना इनको भाते है,
एक बेलपत्र से इनका,
सम्मान होता है,
इन्हें जल चढाने से,
इन्हें जल चढाने से,
कल्याण होता है,
भोलें बाबा का वंदन,
आसान होता है।।
ये प्रेम का प्यासा है,
और भाव का भूखा है,
श्रध्दा सबकी देखे,
ना रुखा सुखा है,
आडम्बर करने वाला,
नादान होता है,
इन्हें जल चढाने से,
इन्हें जल चढाने से,
कल्याण होता है,
भोलें बाबा का वंदन,
आसान होता है।।
महलो में ठिकाना ना,
जंगल में बसेरा है,
चाहे गली हो या नुक्कड़,
हर जगह पे डेरा है,
हर भक्त का ‘हर्ष’ हमेशा,
ये ध्यान रखता है,
इन्हें जल चढाने से,
इन्हें जल चढाने से,
कल्याण होता है,
भोलें बाबा का वंदन,
आसान होता है।।
भोले बाबा का वंदन,
आसान होता है,
इन्हें जल चढाने से,
इन्हें जल चढाने से,
कल्याण होता है,
भोलें बाबा का वंदन,
आसान होता है।।
स्वर – सौरभ मधुकर।