मुंबई नगर के वासी सदा खुश रहना,
गलती हुई जो हमसे माफ़ कर देना,
आत्मा की बात तुमको बतला रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है।।
छूटे नहीं ये प्यार तुम्हारा,
दुआ है प्रभु जी से बुलाना दोबारा,
मानो सही तुमको बतला रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है।।
याद तुम्हारी हमको घर आएगी,
प्यार मिला था कितना तरसाएगी,
आत्मा की बात तुमको बतला रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है।।
मुंबई नगर के वासी सदा खुश रहना,
गलती हुई जो हमसे माफ़ कर देना,
आत्मा की बात तुमको बतला रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहे है,
हम ब्रजवासी अपने घर जा रहें है।।
स्वर – देवी हेमलता जी शास्त्री।
Very nice