रघुनन्दन तुमको आना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा,
सीता माँ संग लक्ष्मण जी को लाना होगा,
सीता माँ संग लक्ष्मण जी को लाना होगा,
रघुनंदन तुमको आना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा।।
तर्ज – डमरू वाले बाबा तुमको आना।
स्वागत में आपके ये पलकें बिछाई है,
बड़े ही नसीबों से ये घडी प्रभु आई है,
भक्तो का मान बढ़ाना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा,
रघुनंदन तुमको आना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा।।
ऊँचे सिंहासन पे हम आपको बिठाएंगे,
मीठे मीठे भजन हम आपको सुनाएंगे,
सर पर हाथ फिराना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा,
रघुनंदन तुमको आना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा।।
‘सौरभ मधुकर’ संग दीप जलाएंगे,
सरयू के जल से प्रभु चरण धुलाएँगे,
भक्तो को गले से लगाना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा,
रघुनंदन तुमको आना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा।।
रघुनन्दन तुमको आना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा,
सीता माँ संग लक्ष्मण जी को लाना होगा,
सीता माँ संग लक्ष्मण जी को लाना होगा,
रघुनंदन तुमको आना होगा,
भक्तो को दरश दिखाना होगा।।
गायक – सौरभ मधुकर।