थाकी यात्रा में कंईया आवा पाला,
कोरोना ने लगा दीया ताला।।
कंईया थाके मैले आवा,
थाका दरस बिन रह नहीं पावा,
सावण में झुर झुर रोवे जी थाका बाला,
कोरोना ने लगा दीया ताला।।
हाथ धजा जैकारा लगाता,
डीजे उपर ठुमका लगाता,
घर बैठ्या भगत मतवाला,
कोरोना ने लगा दीया ताला।।
भण्डारा म जीमण जीमता,
भजना में थारा आनन्द पाता,
छाना बैठ्या छ दान करबाला,
कोरोना ने लगा दीया ताला।।
मन करें में ऊडकर आऊ,
थाका चरणा में ढोक लगाऊ,
कूद आऊ रे नदी नाला,
कोरोना ने लगा दीया ताला।।
श्योजी प्रजापत अरज गुजारी,
मेट श्री जी या महामारी,
भक्ता न थोड़ी आस बन्धा रे मोत्याला,
कोरोना ने लगा दीया ताला।।
थाकी यात्रा में कंईया आवा पाला,
कोरोना ने लगा दीया ताला।।
गायक – श्योजी प्रजापत टोंक।
प्रेषक – रमेश प्रजापत टोंक।