ना है शक्ति ना है भक्ति,
प्रभु बालक तेरा दीवाना है,
छोड़ के दर अब जाऊं कहां,
तेरे चरणों में किया ठिकाना है,
ना हैं शक्ति ना हैं भक्ति।।
जैसा भी हूं तेरा आखिर,
एक सहारा तू ही मेरा है,
अब तो तुम्हें ही निभाना है,
ना हैं शक्ति ना हैं भक्ति।।
दास तेरे दर का ही भिखारी,
डालो अपनी रहमत प्यारी,
तेरे चरणों में जीवन बिताना है,
ना हैं शक्ति ना हैं भक्ति।।
विनय यही है करुणा सागर,
हरदम रहूं चरणों का चाकर,
इस दिल की आस पूजाना है,
ना हैं शक्ति ना हैं भक्ति।।
ना जानू सेवा की रीति,
बिना रहे चरणों में प्रीति,
गुरु चरणों में शीश झुकाना है,
ना हैं शक्ति ना हैं भक्ति।।
ना है शक्ति ना है भक्ति,
प्रभु बालक तेरा दीवाना है,
छोड़ के दर अब जाऊं कहां,
तेरे चरणों में किया ठिकाना है,
ना हैं शक्ति ना हैं भक्ति।।
Upload By – Mira Sharma