श्याम ब्रज धाम आयो,
दोहा – कैसे कैसे रास रचाए,
वो मुरली वाला,
मात यशोदा के अंगना में,
बन आयो ग्वाला,
बन आयो ग्वाला।
सांवली सलोनी छवि,
मदन गोपाल की,
लट घुंघराली काली,
अखियाँ कमाल की,
गली गली चर्चा चली,
यशोदा के लाल की,
आयो रे आयो रे आयो रे,
आयो रे आयो रे, आयो रे,
प्रेम रस बरसायो, आयो,
श्याम ब्रज धाम आयो,
ब्रज में आनंद छायो,
प्रेम रस बरसायो, आयो,
श्याम ब्रज धाम आयों।।
तर्ज – प्रेम रतन धन पायो।
झनक झनक बाजे पैंजनिया,
श्याम के पावों में,
जग को नचाने वाला,
नाचे खुद नंदगांव में,
उड़के हवाओं में,
जिसने भी देखा आँखे,
अपनी निहाल की,
लट घुंघराली काली,
अखियाँ कमाल की,
आयो रे आयो रे आयो रे,
आयो रे आयो रे आयो रे,
प्रेम रस बरसायो, आयो,
श्याम ब्रज धाम आयों,
ब्रज में आनंद छायो,
प्रेम रस बरसायो, आयो,
श्याम ब्रज धाम आयों।।
टूक टूक देखें गोपियाँ ग्वालें,
बंसी वाले को,
चंदा जैसे सूरत वाले,
अद्भुत ग्वालें को,
मीत निराले को,
गालो की तारीफें करें,
कोई कोई चाल की,
लट घुंघराली काली,
अखियाँ कमाल की,
आयो रे आयो रे आयो रे,
आयो रे आयो रे आयो रे,
प्रेम रस बरसायो, आयो,
श्याम ब्रज धाम आयों,
ब्रज में आनंद छायो,
प्रेम रस बरसायो, आयो,
श्याम ब्रज धाम आयों।।
सांवली सलोनी छवि,
मदन गोपाल की,
लट घुंघराली काली,
अखियाँ कमाल की,
गली गली चर्चा चली,
यशोदा के लाल की,
आयो रे आयो रे आयो रे,
आयो रे आयो रे, आयो रे,
प्रेम रस बरसायो, आयो,
श्याम ब्रज धाम आयों,
ब्रज में आनंद छायो,
प्रेम रस बरसायो, आयो,
श्याम ब्रज धाम आयों।।
Singer – Nabaneeta Senapati