पारसीगुट्टा रे माय कोई,
हैदराबाद रे माय,
आईजी री ज्योता जागे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय।।
पारसीगुट्टा में आईजी बिराजे,
पारसीगुट्टा मे आईजी बिराजे,
सगला रा सारे काज,
आईंजी री ज्योता जागे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय।।
बडेर लागे अति सोवनी,
बडेर लागे अति सोवनी,
ध्वजा उडे असमान,
आईंजी री ज्योता जागे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय।।
चौथा रामजी करे सेवना,
चौथा रामजी करे सेवना,
इन बडेर मे आय,
आईंजी री ज्योता जागे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय।।
सांझ सवेरे होवे आरती,
सांझ सवेरे होवे आरती,
भगत करे जयकार,
आईंजी री ज्योता जागे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय।।
भूरा रामजी जसारामजी,
भूरा रामजी जसारामजी,
संग मे कालूजी काग,
आईजी रा कीर्तन गावे जी,
कोई इन पारसीगुट्टा रे आय,
आईजी रा कीर्तन गावे जी,
कोई इन पारसीगुट्टा रे माय।।
पारस रामजी जसारामजी,
जसराज जगदीश प्रसाद जी,
हुक्मारामजी साथ,
आईंजी री ज्योता जागे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय।।
हुक्मारामजी रामलालजी,
हुक्मारामजी रामलालजी,
मांगीलाल जी काग,
आईजी रा हरजश गावे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय,
आईजी रा हरिगुन गावे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय।।
पारसीगुट्टा रे माय कोई,
हैदराबाद रे माय,
आईजी री ज्योता जागे जी,
कोई पारसीगुट्टा रे माय।।
लेखक – लखन चौधरी।
गायक – श्याम पालीवाल जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818
https://youtu.be/97XYUng9IPM