तेरा मोहन माटी खा गया, कि करिए कि करिए
(तर्ज :- दिल चोरी सांटा हो …)
दोहा
लेकर माटी के ढेला श्याम ने, लिया मुख मेँ डार।
करने शिकायत पहुँच गई, गूजरी मैया यशोदा के द्वार॥
भजन
तेरा मोहन माटी खा गया, किँ करिए किँ करिए
समझाया मैँने कई बार, फिर भी ना माने कृष्ण मुरार,
इसको मैया तू समझाना ऽऽऽ
आदत इसकी खोटी हो गई, किँ करिए किँ करिए॥
तेरा मोहन माटी …
सुनके यशोदा दौड़ी आई, हाथ मेँ छड़ी एक उठाई।
देख छड़ी रोने लगा कन्हाई, मैया मैँने नहीँ माटी खाई।
सुनके … देख …
भ्रम तुझको यूँ ही झूठा हो गया किँ करिए किँ करिए॥१॥
तेरा मोहन माटी …
समझाने तब लगी महतारी, माटी खाया होज्या बीमारी।
आदत बुरी तुझे कौन सिखाई, मुख खोल अपना दे दिखाई।
समझाने … आदत …
नन्दलाल ने मुख जब खोल दिया किँ करिए किँ करिए॥२॥
तेरा मोहन माटी …
देखा मुख मेँ अजब नजारा, चन्दा सूरज चमके हैँ तारा।
नदियाँ, पर्वत, जंगल न्यारा, ग्वाल बाल पशु बैठ्या सारा।
देखा … नदियाँ …
दर्श सकल ब्रह्माण्ड का हो गया किँ करिए किँ करिए॥३॥
तेरा मोहन माटी …
समझ गई माँ बात तब सारी, है ईश्वर खुद तेरा बनवारी।
सीने से श्याम को लगाया, ‘खेदड़’ मोहन तब मुस्काया।
समझ … सीने से …
गुस्सा गायब माँ का सारा हो गया, किँ करिए किँ करिए॥४॥
तेरा मोहन माटी …
समझाया … फिर भी …
आदत इसकी खोटी …
तेरा मोहन माटी खा गया, किँ करिए किँ करिए
समझाया मैँने कई बार, फिर भी ना माने कृष्ण मुरार,
इसको मैया तू समझाना ऽऽऽ
आदत इसकी खोटी हो गई, किँ करिए किँ करिए॥
तेरा मोहन माटी …By Pkhedar