रूठ कर मुझसे प्रभु,
यूँ चले जाओगे तुम,
ये ना सोचा था कभी,
इतना आज़माओगे तुम,
रूठ कर मुझसें प्रभु,
यूँ चले जाओगे तुम।।
आदत तो तुम्हारी,
है दया की ओ दयालु,
तेरी नाराज़ी को,
बोलो कैसे मैं सँभालु,
अपनों बच्चों की खता,
दिल से यूँ लगाओगे तुम,
ये ना सोचा था कभी,
इतना आज़माओगे तुम,
रूठ कर मुझसें प्रभु,
यूँ चले जाओगे तुम।।
मैंने यही देखा,
मैं तो सुनता यही आया,
अपने प्रेमियों के,
आंसू तू ना देख पाया,
जिनको हंसाया सदा,
उनको रुलाओगे तुम,
ये ना सोचा था कभी,
इतना आज़माओगे तुम,
रूठ कर मुझसें प्रभु,
यूँ चले जाओगे तुम।।
तेरे सिवा ‘सोनू’,
किसी और दर ना जाये,
तू ये जानता है,
इसीलिए यूँ सताये,
देख कर बेबस मुझे,
ऐसे मुस्काओगे तुम,
ये ना सोचा था कभी,
इतना आज़माओगे तुम,
रूठ कर मुझसें प्रभु,
यूँ चले जाओगे तुम।।
रूठ कर मुझसे प्रभु,
यूँ चले जाओगे तुम,
ये ना सोचा था कभी,
इतना आज़माओगे तुम,
रूठ कर मुझसें प्रभु,
यूँ चले जाओगे तुम।।
Singer – Sheetal Pandey Ji