तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा,
तर्ज – जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा,
तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा,
बहुत हो चुकी है आंख मिचोली,
अब तो आना पड़ेगा,
तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा।।
जरा कुछ तो सोचो ऐ बाँके बिहारी,
तेरी याद में हमने जिंदगी गुजारी,
छलावा नही, हकीकत है कान्हा,
क्या ये जमाना कहेगा,
तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा।।
बड़ी पैनी नजरे है तुम्हारी मुरारी,
ओझल हुआ है कैसे दरश का भिखारी,
खता कुछ तो है, जाने भी दो,
थोड़ा गम खाना पड़ेगा,
तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा।।
मनाने में इतना माहिर नही हूँ,
ज्यादा नही सांवलिये कुछ तो सही हूँ,
तेरा ही था, तेरा ही रहूँगा,
तुमको निभाना पड़ेगा,
तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा।।
गुरु की कृपा से दीक्षा है पाई,
चरण रज तुम्हारी ही मेरी दवाई,
ख्वाब है हरा, भरना है तुमको,
क्या ये बताना पड़ेगा,
तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा।।
तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा,
बहुत हो चुकी है आंख मिचोली,
अब तो आना पड़ेगा,
तुम्हे आज मोहन आना पड़ेगा।।