तेरे नाम से कन्हैया,
चलती है मेरी नैया,
ना माझी की जरूरत,
जब श्याम है खिवैया।।
तर्ज – ये दुआ है मेरी रब से।
कैसी भी हो मुसीबत,
विश्वास है तेरा,
घबराऊँगा भी क्यों मैं,
जब साथ है तेरा,
तेरी ही आस मुझको,
दुनिया के ओ रचैया,
ना माझी की जरूरत,
जब श्याम है खिवैया।।
वो होंगे और कान्हा,
मतलब से याद करते,
लब पे है नाम तेरा,
मन में तुम्ही हो बसते,
कुछ भी ना देना मुझको,
बस तेरी रहे छैया,
ना माझी की जरूरत,
जब श्याम है खिवैया।।
अब तक दिया है दाता,
आगे भी देते रहना,
जो बन गया है तेरा,
उसके गमो को हरना,
‘राजू’ को जो मिला है,
सब तेरा है कन्हैया,
ना माझी की जरूरत,
जब श्याम है खिवैया।।
तेरे नाम से कन्हैया,
चलती है मेरी नैया,
ना माझी की जरूरत,
जब श्याम है खिवैया।।
स्वर – अंजना जी आर्य।