सिया रघुवर जी की आरती,
शुभ आरती कीजे।।
शीश मुकुट काने कुण्डल सोहे ,
राम लखन सिया जानकी,
शुभ आरती कीजे।।
मोर मुकुट माथे पर सोहे,
राधा सहित घनश्याम की,
शुभ आरती कीजे।।
अक्षत चन्दन घी की बाती,
उमा सहित महादेव की,
शुभ आरती कीजे।।
मम दुःख हरणी मंगल करणी,
आरती लक्ष्मी गणेश की,
शुभ आरती कीजे।।
अलख निरंजन असुर निकंदन,
अंजनी लला हनुमान की,
शुभ आरती कीजे।।
रामदेव ओरी कुलदेवा,
माता पिता गुरुदेव की,
शुभ आरती कीजे।।
सिया रघुवर जी की आरती,
शुभ आरती कीजे।।
प्रेषक – आशुतोष सोनी
9889679944