आज सतगुरु अलख दरसे,
दोहा – जाणा है पण रेणा नहीं,
जाणा वसुआ वीसी,
दो दिनों रे कारणे,
भाई क्यों ढुंढो जगदीश।
आज सतगुरु अलख दरसे,
जो नर गुरु ने सेवता हां,
शंकरया सब आगे सीमरु,
देवों पेला देवता,
हे गावीये सुंडालो स्वामी,
गवरी प्यारा नंदा हा,
हे गावीये सुॅडालो स्वामी।।
सत नीचे धुड़ होवे,
अंग आपरी सोहता हां,
मोतीड़ा री माला होवे,
कोने कमंडल झलकाता,
हे गावीये सुंडालो स्वामी,
गवरी प्यारा नंदा हा,
हे गावीये सुॅडालो स्वामी।।
पाॅव छोटा पेट मोटा,
कनक हरी ने सोभता हा,
नाक देखे नमों बाबा,
माथे मुकुट सोहता हा,
हे गावीये सुंडालो स्वामी,
गवरी प्यारा नंदा हा,
हे गावीये सुॅडालो स्वामी।।
माय मण्डप लोसण थापीयो,
बीज थावर दरसता हां,
नवो ने चौबीस भेलो,
तैतीसो में दरसता हां,
हे गावीये सुंडालो स्वामी,
गवरी प्यारा नंदा हा,
हे गावीये सुॅडालो स्वामी।।
जोत झॅझण नुर भॅजण,
आज सतगुरु दरसता हां,
स्वामी डूॅगरपुरीजी बोले,
देव डूॅगरपुरीजी बोले,
प्रेम से नर परगता हा,
हे गावीये सुंडालो स्वामी,
गवरी प्यारा नंदा हा,
हे गावीये सुॅडालो स्वामी।।
आज सतगुरु अलख दरसें,
जो नर गुरु ने सेवता हां,
शंकरया सब आगे सीमरु,
देवों पेला देवता,
हे गावीये सुंडालो स्वामी,
गवरी प्यारा नंदा हा,
हे गावीये सुॅडालो स्वामी।।
गायक – नागजी राव।
प्रेषक – वागाराम H चौधरी भादरूणा।
साॅचौर जालोर राजस्थान 343040
फोन-9414903125