यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ,
मत पूछो कहाँ कहाँ,
है सँतोषी माँ,
अपनी सँतोषी माँ,
अपनी सँतोषी माँ,
बड़ी मन भावन,
निर्मल पावन,
प्रेम की ये प्रतिमा,
अपनी सँतोषी माँ,
अपनी सँतोषी माँ।।
देखे – करती हूँ तुम्हारा व्रत मैं।
इस देवी की दया का हमने,
अद्भुत फल देखा,
पल मे पलट दे ये भक्तो की,
बिगड़ी भाग्य रेखा,
बड़ी बलसाली ममता वाली
ज्योति पुंज ये माँ,
अपनी सँतोषी माँ,
अपनी सँतोषी माँ।।
ये मैया तू भाव की भूखी,
भक्ति से भावे, हो भक्ति से भावे,
हो प्रेम पूर्वक जो कोई पूजे,
मन वांछित पावे,
मंगल करनी चिंता हरनी,
दुःख भंजन ये माँ,
अपनी सँतोषी माँ,
अपनी सँतोषी माँ।।
यहाँ वहाँ जहाँ तहाँ,
मत पूछो कहाँ-कहाँ,
है सँतोषी माँ,
अपनी सँतोषी माँ,
अपनी सँतोषी माँ,
बड़ी मन भावन,
निर्मल पावन,
प्रेम की ये प्रतिमा,
अपनी सँतोषी माँ,
अपनी सँतोषी माँ।।