सांवली तेरी सूरत को मोहन,
देख मीरा दीवानी हुई है,
तुझको पाकर मेरे प्यारे मोहन,
रुकमणी भी दीवानी हुई है,
साँवली तेरी सूरत को मोहन,
देख मीरा दीवानी हुई है।।
तर्ज – मेरे बांके बिहारी सावरिया।
काल कोठी में जन्मा तू मोहन,
रात काली की काली वही है,
तेरी किलकारी सुनकर हे कान्हा,
तेरी मैया भी न्यारी हुई है,
साँवली तेरी सूरत को मोहन,
देख मीरा दीवानी हुई है।।
तेरी सिर पर मुकुट सज रहा है,
तन पे पीताम्बरी जच रहा है,
माथे चंदन का टीका लगा है,
मुख पे लाली रचाये हुए हैं,
साँवली तेरी सूरत को मोहन,
देख मीरा दीवानी हुई है।।
तेरे नैनो की क्या बात मोहन,
मोटे मोटे कटीले कटीले,
तेरी एक मुस्कुराहट पे मोहन,
गोपियाँ भी दीवानी हुई है,
साँवली तेरी सूरत को मोहन,
देख मीरा दीवानी हुई है।।
कान कुंडल बड़े सज रहे है,
मेरे कान्हा अलग लग रहे हैं,
तेरी मुरली को सुनकर हे कान्हा,
सारी दुनिया दिवानी हुई है,
साँवली तेरी सूरत को मोहन,
देख मीरा दीवानी हुई है।।
सांवली तेरी सूरत को मोहन,
देख मीरा दीवानी हुई है,
तुझको पाकर मेरे प्यारे मोहन,
रुकमणी भी दीवानी हुई है,
साँवली तेरी सूरत को मोहन,
देख मीरा दीवानी हुई है।।
गायक / प्रेषक – उदय लकी सोनी।
9131843199