माता महादेवी है नाम,
विराजी दशरमन में,
सेवा में पंडा हज़ार,
माई की मढुलिया में,
माता महादेवी हैं नाम,
विराजी दशरमन में।।
आप विराजी सील में जाकर,
नगरी बसा दई नीचे आकर,
सेवा में सब नर नार,हए,
माई की मढुलिया में,
माता महादेवी हैं नाम,
विराजी दशरमन में।।
नीचे विराजे राम लला जी,
संग में उनके सीता माँ भी,
सेवा में हनुमत लाल,
माई की मढुलिया में,
माता महादेवी हैं नाम,
विराजी दशरमन में।।
नवराते में बोये जवारे,
द्वार तुम्हारे काली नाचे,
करते सब जय जयकार,
माई की मढुलिया में,
माता महादेवी हैं नाम,
विराजी दशरमन में।।
भक्तों तुम भी अरज लगा लो,
अपने बिगड़े काज सवारो,
बनते हर बिगड़े काज,
माई की मढुलिया में,
माता महादेवी हैं नाम,
विराजी दशरमन में।।
माता महादेवी है नाम,
विराजी दशरमन में,
सेवा में पंडा हज़ार,
माई की मढुलिया में,
माता महादेवी हैं नाम,
विराजी दशरमन में।।
गायक / प्रेषक – उदय लकी सोनी।
9131843199