चलो संत पावा हो दीदार,
सिंगाजी घर हरि को बधावा हो।।
बाबा मनुष जनम दुर्लभ है रे,
असो आवे नई दूजी बार,
सिंगाजी घर हरि को बधावा हो,
चलो संत पावां हो दीदार।।
बाबा यो पल नही आवे पवनो,
तुम मानो वचन नर नार,
सिंगाजी घर हरि को बधावा हो,
चलो संत पावां हो दीदार।।
बाबा जिन गुरु गोविंद सेविया,
असा उतरिया भव जल पार,
सिंगाजी घर हरि को बधावा हो,
चलो संत पावां हो दीदार।।
बाबा धन करनी म्हारा सतगुरु की,
जिन ने जीत लियो रे संसार,
सिंगाजी घर हरि को बधावा हो,
चलो संत पावां हो दीदार।।
बाबा दास दल्लू पत की विनती,
तुम राखो चरण आधार,
सिंगाजी घर हरि को बधावा हो,
चलो संत पावां हो दीदार।।
चलो संत पावा हो दीदार,
सिंगाजी घर हरि को बधावा हो।।
प्रेषक – घनश्याम बागवान।
7879338198