हंसा बेगम री गम कर रे,
विगत करो बेगम में रेवो,
जन्म मरण नहीं डर रे।।
नाम द्वादस हैं नहीं उणरे,
नहीं धरणी ना धर रे,
जाप अजपा हैं नहीं उणरे,
सिवरण किसका कर रे,
हंसा बेगम की गम कर रे।।
बिना घरत एक रहट चलत है,
बिन बादल बिन जल रे,
बिना अम्बर अमीरस बरसे,
सो ही अमी पीया कर रे,
हंसा बेगम की गम कर रे।।
ब्रह्मा विष्णु महेश्वर देवा,
वे भी आवागमन रे,
जिस अक्षर के लगे न मात्रा,
वो अक्षर लखिया कर रे,
हंसा बेगम की गम कर रे।।
उठे गियोड़ा फेर नहीं आवे,
ऐसा अवसर कर रे,
कहत कबीर सुनो भाई साधु,
बेगम में थिर कर र रे,
हंसा बेगम की गम कर रे।।
हंसा बेगम री गम कर रे,
विगत करो बेगम में रेवो,
जन्म मरण नहीं डर रे।।
गायक – दीप जी महाराज।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार,
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052