नैया अटक गयी बीच भवरिया,
दोहा – गुरु मूरत मुख चंद्रमा,
सेवक नैन चकोर,
अष्ट पहर निरख़त रहूँ,
मैं गुरु चरणन की ओर।
नैया अटक गयी बीच भवरिया,
हे राजा राम मेरी ले लो खबरिया,
ले लो खबरिया मेरी ले लो खबरिया,
ले लो खबरिया मेरी ले लो खबरिया,
हे राजा राम मेरी ले लो खबरिया।।
आरती वंदन मैं नहीं जानू,
आरती वंदन मैं नहीं जानू,
मैं तुझे अपना इष्ट है मानु,
मैं तुझे अपना इष्ट है मानु,
दया दृष्टि की मोपे कर दो नजरिया,
हे राजा राम मेरी ले लो खबरिया।।
रोज सवेरे राहें निहारूं,
रोज सवेरे राहें निहारूं,
दिन और रात बस तुमको पुकारूँ,
दिन और रात बस तुमको पुकारूँ,
राहें तकत मेरी थक गई नजरिया,
हे राजा राम मेरी ले लो खबरिया।।
नैया अटक गई बीच भवरिया,
हे राजा राम मेरी ले लो खबरिया,
ले लो खबरिया मेरी ले लो खबरिया,
ले लो खबरिया मेरी ले लो खबरिया,
हे राजा राम मेरी ले लो खबरिया।।
गायक – श्री हल्केराम जी कुशवाह।
प्रेषक – सुरेश कुमार धाकड़ बाला खेड़ा
9753145644