बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई।।
बंसी बजाकर के चित को चुरावे,
चित को चुराकर दीवाना बनावे,
ये ग्वालियो की टोली धमाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई।।
पूनम की रतियाँ झमाझम पानी,
दुल्हन सी सज गई है धरती सुहानी,
यमुना की धारा निहाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई।।
ललिता भी नाचे विशाखा भी नाचे ,
सखियों के बीच राधा माधव भी नाचे,
‘नंदू’ ये मस्ती निहाल कर गई,
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गई।।
बंसी वाले तेरी बांसुरी कमाल कर गयी,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
कमाल कर गई जी कमाल कर गई,
मुरली वाले तेरी मुरली कमाल कर गई।।
स्वर – नंदू जी शर्मा।