चाली जीण बनी में आई,
दोहा – जीण चली गई रूठ के,
मन में रंज मलाल,
हर्षो करें मनावना,
बाई जीण घरा ने चाल।
चाली जीण बनी में आई,
सामो मिलगो हर्षो भाई,
क्यों घर छोड़ चली माँ जाई,
बहना म्हारी है बहना म्हारी है।।
वीरा वक्त इसो ही आयो,
घर में रहनो नहीं सुहायो,
महासू जावे नहीं बतायो,
बीरा म्हारा रे बीरा म्हारा रे,
म्हाने साची साच बताओ,
दुख बीर से नहीं छुपाओ,
थारो मन को रोष मिटाओ,
बहना म्हारी है बहना म्हारी है।।
भावज खोटी घणी सुनाई,
लाग्यो तीर कलेजा माही,
तानों सहन नहीं कर पाई,
बीरा म्हारा रे बीरा म्हारा रे,
थारी भावजड़ी ने चाल,
घरासु कडूगो तत्काल,
इमे नही करुंगो टाल,
बहना म्हारी है बहना म्हारी है।।
वीरा माने घर नहीं जानो,
घर में रहनो भयो पुराणों,
अब तो बनखंड ही घर मानो,
बीरा म्हारा रे बीरा म्हारा रे,
म्हारी गलती सभी बुला दे,
मारे मनडे धीर बंधा दे,
आज बीरा को मान रखा दे,
बहना म्हारी है बहना म्हारी है।।
वीरा हुकम दियो मां शक्ति,
अठे ही करूं दुर्गा की भक्ति,
भूल जाजो भावज की गलती,
बीरा म्हारा रे बीरा म्हारा रे,
ओम जद हर्षवीर हरसाय,
बोल्यो बहना नेम निभाए,
मैं भी भक्ति करूं वन माय,
बहना म्हारी है बहना म्हारी है।।
चाली जीण बनी मे आई,
सामो मिलगो हर्षो भाई,
क्यों घर छोड़ चली माँ जाई,
बहना म्हारी है बहना म्हारी है।।
गायक / प्रेषक – ओम प्रकाश योगी भोड़की।
9784245921