कभी तो ये बाबा,
साथी बन जाता है,
कभी तो यें बाबा,
माझी बन जाता है,
उंगली पकड़ मेरी,
चलना सिखाता है,
कर्मो को काटकर ये,
भगवन बनाता है,
तो बोलो ना…
कभी तो यें बाबा,
साथी बन जाता है।।
ठोकर लगी मुझको,
पत्थर नुकीला था,
पर चोट ना आई,
बाबा ने संभाला था,
तो बोलो ना…
कभी तो यें बाबा,
साथी बन जाता है।।
जो दुखड़ा दिया हम को,
हम किस से बोलेंगे,
तेरे दर पे आकर के,
छुप छुप के रोलें गे,
तो बोलो ना…
कभी तो यें बाबा,
साथी बन जाता है।।
सुनते है तेरी रहमत,
दिन रात बरसती है,
एक बूँद जो मिल जाये,
किस्मत ही बदलती है,
तो बोलो ना…
कभी तो यें बाबा,
साथी बन जाता है।।
कभी तो ये बाबा,
साथी बन जाता है,
कभी तो यें बाबा,
माझी बन जाता है,
उंगली पकड़ मेरी,
चलना सिखाता है,
कर्मो को काटकर ये,
भगवन बनाता है,
तो बोलो ना…
कभी तो यें बाबा,
साथी बन जाता है।।
प्रेषक – नमन जैन
8059775650