ताश मिल खेलो सांवरिया,
जय श्री राधे वल्ल्भ श्याम,
ताश मिल खेलो साँवरिया।।
जिसमे बादशाह बनवारी,
जिसमे बेगम राधा प्यारी,
जिसमे दूलो है गिरधारी,
ताश खेलो सांवरिया,
जय श्री राधे वल्ल्भ श्याम,
ताश मिल खेलो साँवरिया।।
जिसमे दस्सी दसो दिशाए,
जिसमे नोकी नवदुर्गा है,
जिसमे अट्ठी अष्टकमल है,
ताश खेलो सांवरिया,
जय श्री राधे वल्ल्भ श्याम,
ताश मिल खेलो साँवरिया।।
जिसमे सत्ती सप्तऋषि है,
जिसमे छग्गी छह ऋतुएँ है,
जिसमे पंची पञ्चतत्व है,
ताश खेलो सांवरिया,
जय श्री राधे वल्ल्भ श्याम,
ताश मिल खेलो साँवरिया।।
जिसमे चौकी चार वेद है,
जिसमे तिग्गी तीन लोक है,
जिसमे दुग्गी चाँद सूरज है,
ताश खेलो सांवरिया,
जय श्री राधे वल्ल्भ श्याम,
ताश मिल खेलो साँवरिया।।
जिसमे इक्का इक संसार,
कर लो नारायण से प्यार,
यही है इस दुनिया का सार,
ताश मिल खेलो सांवरिया,
जय श्री राधे वल्ल्भ श्याम,
ताश मिल खेलो साँवरिया।।
जय श्री राधे वल्ल्भ श्याम,
ताश मिल खेलो साँवरिया।।
स्वर – नम्रता जी करवा।
प्रेषक – राकेश कुमार लढ़ा।
8368356371