सदा रहे तेरा नाम लब पे,
बस ये कृपा मुझपे नाथ कर दो,
जो भी सुने वाह वाह कर दे,
दिल जित लूँ सबका ऐसा स्वर दो,
सदा रहे तेरा नाम लब पे,
बस ये कृपा मुझपे नाथ कर दो।।
मैं मानता हूँ की मैं हूँ पापी,
तुम पाप हर हो हे सर्वव्यापी,
शरण लगा लो अधम उधारण,
दे अपनी भक्ति से झोली भर दो,
सदा रहे तेरा नाम लब पे,
बस ये कृपा मुझपे नाथ कर दो।।
किया है भक्तों का दुःख निवारण,
किस किस का दूँ मैं कहो उदाहरण,
जिस हाथ से कितने पापी तर गए,
वो हाथ भी मेरे माथे धर दो,
सदा रहे तेरा नाम लब पे,
बस ये कृपा मुझपे नाथ कर दो।।
हमारे पापों का नाश करना,
मधुर सुवाणी में वास करना,
रहूँ जगत में कमल के जैसा,
और कुछ ना मांगू मुझे ये वर दो,
Bhajan Diary Lyrics,
सदा रहे तेरा नाम लब पे,
बस ये कृपा मुझपे नाथ कर दो।।
सदा रहे तेरा नाम लब पे,
बस ये कृपा मुझपे नाथ कर दो,
जो भी सुने वाह वाह कर दे,
दिल जित लूँ सबका ऐसा स्वर दो,
सदा रहे तेरा नाम लब पे,
बस ये कृपा मुझपे नाथ कर दो।।
स्वर – धीरज कान्त जी।
रचना – श्री फनीभूषण जी चौधरी।