सांवरे खाटू वाले की महिमा बड़ी,
मेरी नज़रें कबसे हैं दर पे अड़ी,
साँवरे खाटू वाले की महिमा बड़ी।।
तर्ज – साथिया नहीं जाना की।
तेरे दर पे आया,
जो भी रोते रोते आया,
है खाली झोली लाया दरबार में,
जान ली है माया तूने,
रोतो को हंसाया सबकी,
भर दी है झोली दरबार में,
है भावों से रिझाने की महिमा बड़ी
साँवरे खाटू वाले की महिमा बड़ी।।
मेरी टूटी नैया,
का कोई ना खिवैया,
और गहरी हैं नदियां मेरे सांवरे,
हारे का तू साथी,
है वचन निभाया,
भव पार लगाया मेरे सांवरे,
तेरे दर पे जाने की महिमा बड़ी,
साँवरे खाटू वाले की महिमा बड़ी।।
तीन बाणधारी तेरी,
महिमा है न्यारी,
कहती है दुनिया सारी खाटू वाले को,
शीश के ओ दानी,
तेरी बड़ी मेहरबानी,
ना छोड़ के जायेंगे दरबार को,
‘युवी’ है दीवाना की महिमा बड़ी,
साँवरे खाटू वाले की महिमा बड़ी।।
सांवरे खाटू वाले की महिमा बड़ी,
मेरी नज़रें कबसे हैं दर पे अड़ी,
साँवरे खाटू वाले की महिमा बड़ी।।
Singer & Writer – Yuvraj Soni