कलयुग में बाबा श्याम ने,
वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।।
तर्ज – दुश्मन ना करे।
होता ना जिसका काम,
सारी कोशिशों के बाद,
कोशिशों के बाद,
मेरे श्याम ने खाटू से,
वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।
कलियुग में बाबा श्याम ने,
वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।।
जिस आँख से दो बूँद,
निकल आएं गर कहीं,
आएं गर कहीं,
अनमोल मोती समझ के,
स्वीकार किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।
कलियुग में बाबा श्याम ने,
वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।।
विश्वास मिलता है यहाँ,
मैं साथ हूँ तेरे,
साथ हूँ तेरे,
बेचैन मन को श्याम ने,
आराम दिया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।
कलियुग में बाबा श्याम ने,
वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।।
जो रिश्ता बन गया है,
सांस अंत तक चले,
अंत तक चले,
तूने ‘राजू’ पे बड़ा,
एहसान किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।
कलियुग में बाबा श्याम ने,
वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।।
कलयुग में बाबा श्याम ने,
वो काम किया है,
जो आया गिरते पड़ते,
उसे थाम लिया है।।
Singer – Nisha Soni