सुनो सांवरे दिल मेरा क्या,
खुशियों का हकदार नहीं,
खाटू वाले मेरे दिल की,
सुनते क्यों फरियाद नहीं,
बाबा सुनते क्यों फरियाद नहीं।।
तेरे सिवा ओ मेरे कन्हैया,
किसी पे दारोमदार नहीं,
खाटू वाले मेरे दिल की,
सुनते क्यों फरियाद नही,
बाबा सुनते क्यों फरियाद नहीं।।
दिल में गहरे जख्म है बाबा,
कदम हमारेे बोझिल है,
यू तो किसी से बाबा मुझको,
कोई भी सरोकार नहीं,
खाटू वाले मेरे दिल की,
सुनते क्यों फरियाद नही,
बाबा सुनते क्यों फरियाद नहीं।।
गम का सागर उफन रहा है,
दिल भी घिरा तूफानों में,
कश्ती मेरी डूब रही है,
मिलती इसे पतवार नहीं,
खाटू वाले मेरे दिल की,
सुनते क्यों फरियाद नही,
बाबा सुनते क्यों फरियाद नहीं।।
‘विजय’ को है भरोसा तुम पर,
आकर लाज बचाओगे,
फसी भंवर में जो मेरी नैया,
उसको पार लगाओगे,
इस दुनिया पर बाबा मुझको,
थोड़ा भी ऐतबार नहीं,
खाटू वाले मेरे दिल की,
सुनते क्यों फरियाद नही,
बाबा सुनते क्यों फरियाद नहीं।।
सुनो सांवरे दिल मेरा क्या,
खुशियों का हकदार नहीं,
खाटू वाले मेरे दिल की,
सुनते क्यों फरियाद नहीं,
बाबा सुनते क्यों फरियाद नहीं।।
Writer & Singar – Vijay Sharma
9214579500