आया रंग रंगीला मेला,
भक्तो का त्यौहार है,
छाई बहार है,
खुशियां अपार है।।
मेला लगता भारी है,
आती दुनिया सारी है,
चारों तरफ ध्वजा लहरें,
लगती शोभा प्यारी है,
भक्तों के मुख से है गूंजे,
श्याम की जय जयकार है,
छाई बहार है,
खुशियां अपार है।।
श्याम के फागण मेले में,
जो भी एक बार आता है
श्याम कृपा कर देते है,
हर फागण वो आता है,
हर प्रेमी की झोली भरता,
ये तो लखदातार है,
छाई बहार है,
खुशियां अपार है।।
ऐसा गज़ब नज़ारा है,
और कहीं नहीं मिलता है,
किस्मत से खाटू का मेला,
हर प्रेमी को मिलता है,
सजती खाटू नगरी सारी,
सजता ये दरबार है,
छाई बहार है,
खुशियां अपार है।।
फागण की ग्यारस को खाटू,
देवता भी आते है,
रूप सलोना श्याम धणी का,
देख के खुश हो जाते है,
‘गौरी’ तू भी चल मेले में,
‘राकेश’ गया हर बार है,
छाई बहार है,
खुशियां अपार है।।
आया रंग रंगीला मेला,
भक्तो का त्यौहार है,
छाई बहार है,
खुशियां अपार है।।
स्वर – गौरी शर्मा।
प्रेषक – जयदेव शर्मा (दिल्ली)
9990262327