खाटू श्याम की चौपाइयां,
खाटू श्याम की चौपाइयां,
खाटू नरेश अहलावती नन्दन,
करहु प्रणाम तुम्हे शत शत वंदन,
श्याम श्री श्याम,
मेरे खाटू वाले श्याम।।
सिमरहु श्याम ध्यान चित लाऊ,
भाव से आपकी महिमा गाऊ,
श्याम श्री श्याम,
मेरे खाटू वाले श्याम।।
जानत सब तुम्हारी कहानी,
धन्य धन्य हे शीश के दानी,
श्याम श्री श्याम,
मेरे खाटू वाले श्याम।।
श्री हरि कृपा आप है पायो नाम,
श्याम घनश्याम धरयो श्याम,
श्याम श्री श्याम,
मेरे खाटू वाले श्याम।।
तुम्हरी महीना वेद बखानी,
‘लचक’ लिखे ‘पाठक’ की जुबानी,
श्याम श्री श्याम,
मेरे खाटू वाले श्याम।।
स्वर- पं० निशान्त भागवत पाठक।
लेखक – लाल सिंह लचक।