कोई सुबह ना हो ऐसी,
कोई ऐसी शाम ना हो,
होंठों पे श्याम मेरे,
जब तेरा नाम ना हो,
कोईं सुबह ना हो ऐसी,
कोई ऐसी शाम ना हो।।
उस रास्ते से मेरा,
क्या वास्ता कन्हैया,
जिस रास्ते पे ना हो,
तेरी कृपा की छैया,
क्यों जाऊं उस गली में,
जहाँ तेरा धाम ना हो,
कोईं सुबह ना हो ऐसी,
कोई ऐसी शाम ना हो।।
मैं तेरी शरण में हूँ तो,
कीमत है लाख मेरी,
तू हाथ छोड़ दे तो,
मैं राख की हूँ ढेरी,
तुझसे बिछड़ के मेरा,
दो कोड़ी दाम ना हो,
कोईं सुबह ना हो ऐसी,
कोई ऐसी शाम ना हो।।
रहने दे मुझको प्यारे,
तेरे नाम के नशे में,
यूँ ही गुजर रहा है,
जीवन मेरा मजे में,
किसी दूसरे नशे का,
ये मन गुलाम ना हो,
कोईं सुबह ना हो ऐसी,
कोई ऐसी शाम ना हो।।
कोई सुबह ना हो ऐसी,
कोई ऐसी शाम ना हो,
होंठों पे श्याम मेरे,
जब तेरा नाम ना हो,
कोईं सुबह ना हो ऐसी,
कोई ऐसी शाम ना हो।।
Singer – Sandeep Bansal