झिलमिल ज्योत,
झलक रया मोती,
पारी ब्रम्ह निरंजन आरती।।
काहे करू दिवलो,
न काहे करू बाती,
आसी काहन ज्योत,
जलहु दिनराती,
पारी ब्रम्ह निरंजन आरती।।
तन करू दिवलो न,
मन करू बाती,
सोहम ज्योत,
जलहू दिनराति,
पारी ब्रम्ह निरंजन आरती।।
धरती आकाश,
उमड़ गया बादल,
डाल मुल नही,
फूल न पाती,
पारी ब्रम्ह निरंजन आरती।।
कंचन थाल,
कपूर की बाती,
अखंड ज्योत,
जलहु दिनराती,
पारी ब्रम्ह निरंजन आरती।।
कहे मनरंग,
आगम की बानी,
आसी या आरती,
तीनो लोक म फिरती,
पारी ब्रम्ह निरंजन आरती।।
झिलमिल ज्योत,
झलक रया मोती,
पारी ब्रम्ह निरंजन आरती।।
प्रेषक – प्रमोद पटेल।
यूट्यूब पर – 1.निमाड़ी भजन संग्रह।
2.प्रमोद पटेल सा रे गा मा पा
9399299349
https://youtu.be/ZASVpzTUgtI