भोले बाबा की मढ़ैया,
भैया देख आये जी,
देख आये जी,
चलो देख आये जी,
भोले बाबा की मड़य्या,
भैया देख आये जी।।
उनका ऐसा है दरबार,
जहा चन्दन की बहार,
पेहने सापों का वो हार,
गांजा भांग में शुमार,
है वो भांग के खिवय्या,
भय्या देख आये जी,
भोले बाबा की मड़य्या,
भैया देख आये जी।।
है वो बेरागी सन्यासी,
दुनिया दर्शन की हे प्यासी,
कभी मथुरा कभी काशी,
अंखीया दर्शन की हे प्यासी,
हे नंदी के चड़य्या,
भय्या देख आये जी,
भोले बाबा की मड़य्या,
भैया देख आये जी।।
उनका ऐसा उसुल,
लिए रहते हे त्रिशुल,
जो कोई जाये उनको भुल,
ऐसी देते हे वो हुल,
हे वो गांजा के पिवय्या,
भय्या देख आये जी,
भोले बाबा की मड़य्या,
भैया देख आये जी।।
भोले बाबा की मढ़ैया,
भैया देख आये जी,
देख आये जी,
चलो देख आये जी,
भोले बाबा की मड़य्या,
भैया देख आये जी।।
प्रेषक – आशुतोष त्रिवेदी
7869697758