लहरियों भींजे रे,
कानूड़ा रंग बरसे,
म्हारो हिवड़ो हबोला खाय,
कानूड़ा रंग बरसे।।
चन्दन चौकी रे क़ानूड़ा बैसणो,
कोई फूलो जड़ियों रे बाजोट,
कानूड़ा रंग बरसे।।
चावल रंधाऊ रे क़ानूड़ा ऊजला,
कोई हरिये मूंगा री दाळ,
कानूड़ा रंग बरसे।।
पोळी पोउ रे क़ानूड़ा लड़ छड़ी,
तीवण तीस बत्तीस,
कानूड़ा रंग बरसे।।
थाल परोसे रे क़ानूड़ा राधिका,
कोई नेवर रा झनकार,
कानूड़ा रंग बरसे।।
जीमत निरखु रे क़ानूड़ा आँगळी,
कोई मूलकत निरखू दाँत,
कानूड़ा रंग बरसे।।
मूंग फली सी रे क़ानूड़ा आँगळी,
कोई दांत दाड़म रा बीज,
कानूड़ा रंग बरसे।।
जिमिया झूठिया रे क़ानूड़ा प्रेम सू,
कोई इमरत चळू रे कराय,
कानूड़ा रंग बरसे।।
चन्द्र सखी री रे क़ानूड़ा विनती,
कोई सुण जो चित लगाय,
कानूड़ा रंग बरसे।।
लहरियों भींजे रे,
कानूड़ा रंग बरसे,
म्हारो हिवड़ो हबोला खाय,
कानूड़ा रंग बरसे।।
प्रेषक – रामेश्वर लाल पँवार।
आकाशवाणी सिंगर।
9785126052