हे करुणाकर हे जग त्राता,
हे जगदीश्वर विश्वविधाता,
हे कृपाला मंगल दाता,
हे सर्वेश्वर भाग्य विधाता।।
तेरे चरण है मान सरोवर,
परम पुनीत हैं मृदुल मनोहर,
पावन प्रेम की निर्वल धारा,
निज चरणों से नित्य बहाता,
हे करुणाकर है जग त्राता,
हे जगदीश्वर विश्वविधाता।।
परम पिता माने हम तुमको,
भुला न देना प्रभुवर हमको,
आप ‘राजेन्द्र’ के मन मंदिर में,
कीजिये वास सदा रहगुनाथा,
हे करुणाकर है जग त्राता,
हे जगदीश्वर विश्वविधाता।।
हे करुणाकर हे जग त्राता,
हे जगदीश्वर विश्वविधाता,
हे कृपाला मंगल दाता,
हे सर्वेश्वर भाग्य विधाता।।
गीतकार / स्वर – राजेन्द्र प्रसाद सोनी।
8839262340