थाने नित उठ जोङू हाथ सा,
जम्भेश्वर होयो दिवानो,
थारे नाम रो।।
लोहट जी रे घर गुरू,
जामो जी पायो,
माता हंसा देवी,
लाङ लङायो सा,
जम्भेश्वर होयों दिवानो,
थारे नाम रो।।
समराथल धोरे हरी,
सुमिरन कियो,
विशनोई पंथ चलायो सा,
जम्भेश्वर होयों दिवानो,
थारे नाम रो।।
उन्नतीस नियम की जो,
करें पालना,
ज्यारे कोई बात रो नी घाटो सा,
जम्भेश्वर होयों दिवानो,
थारे नाम रो।।
अशोक मनफूल थारी,
महिमा बणावे,
जोगाराम प्रजापत गावे सा,
जम्भेश्वर होयों दिवानो,
थारे नाम रो।।
थाने नित उठ जोङू हाथ सा,
जम्भेश्वर होयो दिवानो,
थारे नाम रो।।
गायक / प्रेषक – जोगाराम प्रजापत।
हाथीतला बाङमेर
9587984999