बनकर के धूल के कण,
चरणों से लिपट जाऊं,
तेरे आँचल की छैया,
मैं आके सिमट जाऊं,
बनकर के धुल के कण,
चरणों से लिपट जाऊं।।
तेरी गोद माँ ऐसी है,
है स्वर्ग के सुख फीके,
जिसको तूने गोद लिया,
वो दीये जलाए घी के,
तेरी ममता पाने को,
तेरा ध्यान मैं लगाऊं,
बनकर के धुल के कण,
चरणों से लिपट जाऊं।।
धन हिन मैं निर्धन,
साधन है पास नहीं,
कुछ कृपा करो ऐसी,
टूटे विश्वास नहीं,
बस भाव के फूलों से,
तुमको मैं रिझाऊं,
बनकर के धुल के कण,
चरणों से लिपट जाऊं।।
माँ ही तो है एक ऐसी,
मेरे दुःख में जो रोती,
बेटे की मुसीबत को,
सीने पर ढोती है,
अहसान तेरे लाखों,
कैसे इनको चुकाऊं,
बनकर के धुल के कण,
चरणों से लिपट जाऊं।।
चाहत माँ नहीं कोई,
दुनिया रोशन कर दे,
इस नीरस जीवन में,
रस ममता का भर दे,
‘बेधड़क’ तेरी महिमा,
दिन रात मैं माँ गाऊं,
Bhajan Diary Lyrics,
बनकर के धुल के कण,
चरणों से लिपट जाऊं।।
बनकर के धूल के कण,
चरणों से लिपट जाऊं,
तेरे आँचल की छैया,
मैं आके सिमट जाऊं,
बनकर के धुल के कण,
चरणों से लिपट जाऊं।।
Singer / Lyrics – Pappu Ji Bedhadak