उज्जैन के राजा है,
राजा महाराजा है,
पार्वती के प्यारे,
मेरे भोले बाबा,
माँ गौरा के प्यारे,
मेरे भोले बाबा।।
तर्ज – अब ना छुपाऊंगा।
हर जनम में माँ गौरा के,
शिव शंकर श्रृंगार बने,
अपने नंदीगण के लिए भी,
शिव उनका परिवार बने,
मस्तक पे चंदा है,
जटा में गंगा है,
फिर कहलाते जोगी,
कैसा अचंभा है,
रूप कैसा रचा रे,
मेरे भोले बाबा,
माँ गौरा के प्यारे,
मेरे भोले बाबा।।
मौत को मेरे शंकर ने,
अपने गले में पहना है,
काल भी इनका सेवक है,
भोले का क्या कहना है,
कैलाश वासी है,
हरते उदासी है,
किस्मत कहते है जिसको,
वह शिव की दासी है,
मुझको सबसे प्यारे,
मेरे महाकाल राजा,
माँ गौरा के प्यारे,
मेरे भोले बाबा।।
कहने वाले शिव जी को,
औघड़दानी कहते है,
पर भोले शमशान छोड़ के,
दिल में हमारे रहते है,
मैं भी भिखारी हूँ,
शिव मेरे दाता है,
छोटा सा जीवन मेरा,
शिव से चल पाता है,
‘किशन भगत’ तेरा लाल,
Bhajan Diary Lyrics,
मेरे भोले बाबा,
माँ गौरा के प्यारे,
मेरे भोले बाबा।।
उज्जैन के राजा है,
राजा महाराजा है,
पार्वती के प्यारे,
मेरे भोले बाबा,
माँ गौरा के प्यारे,
मेरे भोले बाबा।।
Singer – Kishan Bhagat