स्वर्ग के देव देवियों में है आनंद,
प्रभु जन्मे उस धरती को करे वन्दन,
गूंजे जम्बू द्वीप में शहनाई,
शाता नर्क के जीवों ने पाई,
वहां सुघोषा घंट बजा,
यहां महाउत्सव आया,
प्रभु का कल्याणक आया,
जन्म कल्याणक आया,
जय जय जिनवरम,
जय जय जिनवरम।।
तर्ज – देश रंगीला रंगीला।
प्रभु को मेरु शिखर ले जाने,
इंद्र आये धरती पर,
कहे जननी तूम जगत की माता,
बालक भावी तीर्थंकर,
प्रियवंदा से बधाई सुनकर,
राजा हरखाया,
प्रभु का कल्याणक आयां,
जन्म कल्याणक आया।।
धन और धान्य बढ़ने लगा,
धरती उगले हीरे मोती,
रोग मिटे दुख दर्द मिटे,
बढ़ गयी राजा की कीर्ति,
प्रभु के जन्म से ‘प्रदीप’ ने,
हम ने जिनशासन पाया,
प्रभु का कल्याणक आयां,
जन्म कल्याणक आया।।
स्वर्ग के देव देवियों में है आनंद,
प्रभु जन्मे उस धरती को करे वन्दन,
गूंजे जम्बू द्वीप में शहनाई,
शाता नर्क के जीवों ने पाई,
वहां सुघोषा घंट बजा,
यहां महाउत्सव आया,
प्रभु का कल्याणक आया,
जन्म कल्याणक आया,
जय जय जिनवरम,
जय जय जिनवरम।।
Singer – Neelakshi Kothari
Lyrics – Kavi Pradeep Ji Dhalawat
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