हमने जो भी ख्वाब सजाये,
माँ ने पुरे कर दिखलाये,
उसके लिए श्रद्धा पुष्प चढाने को,
हाजिरी तो बनती है,
हाजिरी तो बनती है,
सच्चे मन से माँ का,
शुकर मनाने को,
हाजिरी तो बनती है,
हाजिरी तो बनती है।।
सबसे पहले एक सजाएं,
माँ का भवन पियारा,
माँ का भवन पियारा,
उसमे माँ की ज्योत जगाये,
और करें भंडारा,
और करें भंडारा,
शुद्ध भाव से माँ की,
भेंटे गाने को,
हाजिरी तो बनती है,
हाजिरी तो बनती है।।
माँ ने उससे बढ़ के दिया है,
जितना माँगा हमने,
जितना माँगा हमने,
मेहरों वाली वर्षा उसने,
कभी ना दी है थमने,
कभी ना दी है थमने,
माँ की कृपा निरंतर,
पाने को,
हाजिरी तो बनती है,
हाजिरी तो बनती है।।
माँ के आगे शीश झुका के,
नमन करेंगे मन से,
नमन करेंगे मन से,
उसका पूजन क्यां करें हम,
उसके दिए ही धन से,
उसके दिए ही धन से,
माँ के दिल में थोड़ी,
जगह बनाने को,
हाजिरी तो बनती है,
हाजिरी तो बनती है।।
सच कहूं मैं हाजिरी सागर,
तो है एक बहाना,
तो है एक बहाना,
असल में हमको मैया जी,
का करना है शुकराना,
करना है शुकराना,
थोड़ा सा तो अपना फरज,
निभाने को,
हाजिरी तो बनती है,
हाजिरी तो बनती है।।
हमने जो भी ख्वाब सजाये,
माँ ने पुरे कर दिखलाये,
उसके लिए श्रद्धा पुष्प चढाने को,
हाजिरी तो बनती है,
हाजिरी तो बनती है,
सच्चे मन से माँ का,
शुकर मनाने को,
हाजिरी तो बनती है,
हाजिरी तो बनती है।।
Singer – Narendra Chanchal Ji
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