आते जाते हुए गुनगुनाया करो,
राम बोला करो राम गाया करो।।
रिश्ता रखते हो जैसे तुम संसार से,
मोह बंधन बंधा है जैसे परिवार से,
मोह बंधन बंधा है जैसे परिवार से,
थोड़ा उससे भी रिश्ता निभाया करो,
राम बोला करो राम गाया करो।।
कौन कहता है की छोड़कर काम को,
अच्छा हो याद रखो अगर राम को,
अच्छा हो याद रखो अगर राम को,
सुख दुःख में ना उनको भुलाया करो,
राम बोला करो राम गाया करो।।
जिंदगी है ये यूँ ही निकल जाएगी,
शान शौकत की दुनिया उजड़ जाएगी,
शान शौकत की दुनिया उजड़ जाएगी,
अपने मन से से उनको भुलाया करो,
राम बोला करो राम गाया करो।।
आते जाते हुए गुनगुनाया करो,
राम बोला करो राम गाया करो।।
स्वर – मनीष गौतम शास्त्री।
प्रेषक – मानसिंह कुशवाहा
9685929268