थारी सोगन कानूडो बदमाश रे,
मारो माखन खाबा में नीका दास रे।।
थारी सोगन कानूड़ो यो बदलग्यो,
मन माखन बेचती ने मिलग्यो,
थारी सोगन कानूड़ो बदमाश रे,
मारो माखन खाबा में नीका दास रे।।
मैया लाल थारो दीखबा में बोलो रे,
ल्यावे गुवाल्या न साथ करे रोलो रे,
थारी सोगन कानूड़ो बदमाश रे,
मारो माखन खाबा में नीका दास रे।।
मैया झूटो मारो नाम लगावे ये,
याने थोड़ी सी शर्म कोनी आवै ये,
थारी सोगन कानूड़ो बदमाश रे,
मारो माखन खाबा में नीका दास रे।।
मन सारी रे गुजरिया टोके रे,
गेले चालती को गेलो कईया रोके रे,
थारी सोगन कानूड़ो बदमाश रे,
मारो माखन खाबा में नीका दास रे।।
मारो सावरो ही राख्यो मारो मान रे,
यो प्रकाश माली करे गुणगान रे,
थारी सोगन कानूड़ो बदमाश रे,
मारो माखन खाबा में नीका दास रे।।
थारी सोगन कानूडो बदमाश रे,
मारो माखन खाबा में नीका दास रे।।
गायक – प्रकाश माली।
मेहंदवास टोंक राज.
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