मारा कोलूमंड का पाबूजी,
दरबार थारे आया,
थारी केसर की असवारी,
प्यारी लागे मारा पाबूजी,
दरस दिखाओ जी।।
लक्ष्मण का अवतार पाबूजी,
थे धांदल दे घर आया,
थारी मधुधोखा तो मावडली,
कहलावे मारा पाबूजी,
दरस दिखा वो सा।।
अरे अमरकोट सोडा रे माही,
पाबूजी परणाया,
अरे गांया री रक्षा रे खातिर,
फेरा सुं थे जावोजी,
दरस दिखा वो सा।।
अरे धरती राजस्थान री,
थे मोटरास पुजवाया,
थाने श्याम सुंदर,
जय सिंह रघुवंशी,
गावे मारा पाबूजी,
दरस दिखा वो सा।।
मारा कोलूमंड का पाबूजी,
दरबार थारे आया,
थारी केसर की असवारी,
प्यारी लागे मारा पाबूजी,
दरस दिखाओ जी।।
गायक / प्रेषक – जय सिंह रघुवंशी गोयला।
9664103051