ये जीवन की डोरी,
तेरे हाथ सांवरे,
तेरे हाथ सांवरे।।
तर्ज – ये दुनिया ये महफ़िल।
कैसा मिला ज़हर,
ये हवाओं में आज कल,
मिलता नहीं है आज की,
मुश्किल का कोई हल,
जलते हुए चिराग भी,
बुझने लगे हैं यूँ,
कोई गिरा रहा हो,
चिरागों पे जैसे जल,
है जीवन की डोरी,
तेरे हाथ सांवरे,
तेरे हाथ सांवरे।।
प्रेमी जो तेरे सांवरे,
उनको बचा ले तू,
अनजान तुझसे जो,
उन्हें अपना बना ले तू,
छिप छिप के वार करती,
है ये मौत बेरहम,
कलयुग में फिर से सांवरे,
जलवा दिखा दे तू,
यें जीवन की डोरी,
तेरे हाथ सांवरे,
तेरे हाथ सांवरे।।
हारे का साथी तू,
हारे हुए हैं हम यहाँ,
छोड़ के दर तेरा,
जाएँ तो जाएँ हम कहाँ,
क्या कमी रही कुछ प्यार में,
हमको छोड़ा मझधार में,
इक तेरे सिवा हम लोगों का,
और नहीं संसार में,
यें जीवन की डोरी,
तेरे हाथ सांवरे,
तेरे हाथ सांवरे।।
कैसा असर ये आ गया,
छिप के हवाओं में,
इसको मिटा सके नहीं,
ताक़त दवाओं में,
कर दे करिश्मा श्याम,
तू विनती करे ‘मनुज’,
ला दे असर ओ सांवरे,
मेरी दुआओं में,
यें जीवन की डोरी,
तेरे हाथ सांवरे,
तेरे हाथ सांवरे।।
ये जीवन की डोरी,
तेरे हाथ सांवरे,
तेरे हाथ सांवरे।।
Singer / Writer – Sandeep Sharma
https://youtu.be/Qf3iI0mJmcw