श्याम मोरे नैनन आगे रहियो,
कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो,
नाथ मोरे नैनन आगे रहियो,
कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो,
हरि जी मोरे नैनन आगे रहियो।।
भव सागर में जीवन नैया,
कोई नहीं है मेरा खिवैया,
अबकी बेर प्रभु डूब ना जाऊं,
अबकी बेर प्रभु डूब ना जाऊं,
तू मोहे पार लगईयो,
कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो,
हरि जी मोरे नैनन आगे रहियो।।
सब दर छोड़ तेरे दर आई,
ऐ मनमोहन मेरे कन्हाई,
शरण पड़े की लाज रखो हरि,
शरण पड़े की लाज रखो हरि,
इस जग सो नाथ बचइयो,
कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो,
हरि जी मोरे नैनन आगे रहियो।।
मरती बेर जग पीठ दिखावे,
कोऊ ना कोई के संग में जावे,
रुक रुक प्राण कंठ जब आवे,
रुक रुक प्राण कंठ जब आवे,
तू मोरे सन्मुख रहियो,
कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो,
हरि जी मोरे नैनन आगे रहियो।।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
तुम हो नाथ दया के सागर,
जनम मरण के बंधन काटो,
जनम मरण के बंधन काटो,
मोहे दीनानाथ बचइयो,
कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो,
हरि जी मोरे नैनन आगे रहियो।।
श्याम मोरे नैनन आगे रहियो,
कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो,
नाथ मोरे नैनन आगे रहियो,
कन्हैया मोरे नैनन आगे रहियो,
हरि जी मोरे नैनन आगे रहियो।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।
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