मेरी श्याम से अर्जी है,
ये दुनिया फर्जी है,
मुझे तारो या ना तारो,
ये भी तेरी मर्ज़ी है,
मेरी श्याम से अर्ज़ी है।।
तर्ज – एक प्यार का नगमा।
सबने ये कहा मुझको,
तू लखदातारी है,
बस मेरी बारी में,
करता क्यों देरी है,
परिवार बना ये रहे,
बस ये खुदगर्ज़ी है,
मुझे तारो या ना तारो,
ये भी तेरी मर्ज़ी है,
मेरी श्याम से अर्ज़ी है।।
मेरा तुझसे वादा है,
ना तुझे भुलाऊँगा,
चाहे रोकर या हँसके,
तेरा नाम मैं गाऊंगा,
दो दिन ज़िंदगानी के,
तेरे नाम पे वारे है,
मुझे तारो या ना तारो,
ये भी तेरी मर्ज़ी है,
मेरी श्याम से अर्ज़ी है।।
जग ने ठुकराया है,
तुमने अपनाया है,
किस्मत पे मैं नाज़ करूँ,
तेरा नाम जो आया है,
अब हंसकर तुम कह दो,
तुम जान हमारी है,
मुझे तारो या ना तारो,
ये भी तेरी मर्ज़ी है,
मेरी श्याम से अर्ज़ी है।।
मेरी श्याम से अर्जी है,
ये दुनिया फर्जी है,
मुझे तारो या ना तारो,
ये भी तेरी मर्ज़ी है,
मेरी श्याम से अर्ज़ी है।।
Singer – Ankit Sharma