मेने अर्जी लिख दी बाबा तेरे दरबार में,
बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।।
तर्ज – आ जाओ भोले बाबा मेरे मकान में
इस अर्जी में लिखा है तू ध्यान से पढ़ले,
तू ध्यान से पढ़ले,
कुछ छूट ना जाये बाबा मेरा मान तू रखले,
मेरा मान तू रखले,
मत करना बाबा देरी,
मत करना बाबा देरी क्या सोच विचार ले,
बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में,
मेने अर्जी लिख दी बाबा तेरे दरबार में,
बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।।
मेरे रस्ते में सावरिया काटे ही काटे पड़े,
काटे ही काटे पड़े,
जब ये पेरो में चुभते मेरे आंसू निकल पड़े,
मेरे आंसू निकल पड़े,
मेरे दिल से आह निकलती,
मेरे दिल से आह निकलती क्या कमी है प्यार में,
बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में,
मेने अर्जी लिख दी बाबा तेरे दरबार में,
बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।।
सारे कहते है मुझको तू श्याम दीवाना है,
तू श्याम दीवाना है,
सबको कहता है तू तो खाटु में ठिकाना है,
खाटु में ठिकाना है,
खुद ‘राहुल’ बात बना तू,
खुद ‘राहुल’ बात बना तू पहले सरकार से,
बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में,
मेने अर्जी लिख दी बाबा तेरे दरबार में,
बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।।
मेने अर्जी लिख दी बाबा तेरे दरबार में,
बस मोहर लगा दो अपनी खड़ा इंतजार में।।