मत कर तू अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे,
मत कर तू अभिमान।।
तेरे जैसे लाखों आए,
लाखों इस माटी ने खाए,
रहा ना नाम निशान ओ बंदे,
मत कर तू अभिमान,
मत कर तु अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे,
मत कर तू अभिमान।।
झूठी माया झूठी काया,
वो तेरा जो हरि गुण गाया,
जप ले हरी का नाम ओ बन्दे,
मत कर तू अभिमान,
मत कर तु अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे,
मत कर तू अभिमान।।
माया का अंधकार निराला,
बाहर उजला भीतर काला,
इस को तू पहचान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान,
मत कर तु अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे,
मत कर तू अभिमान।।
तेरे पास है हीरे मोती,
मेरे मन मंदिर में ज्योति,
कौन हुआ धनवान रे बंदे,
मत कर तू अभिमान,
मत कर तु अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे,
मत कर तू अभिमान।।
मत कर तू अभिमान रे बंदे,
झूठी तेरी शान रे,
मत कर तू अभिमान।।
स्वर – अनूप जलोटा जी।