सावन आयो रे,
मन भावन आयो रे,
कन्हैया बांसुरी बजा दे,
लाला सावन आयो रे,
कन्हैया बाँसुरी बजा दे,
लाला सावन आयो रे।।
मोर मुकुट माथे पर सोहे,
कानो में है बाला,
मधुर मुरलिया ऐसी बाजी,
नाच उठी ब्रज बाला,
सावन आयो रे,
मन भावन आयो रे,
कन्हैया बाँसुरी बजा दे,
लाला सावन आयो रे।।
सास ननंद से चोरी चोरी,
मैं रस्ता से आई,
मस्त मुरलिया ऐसी बाजी,
सुध बुध सब बिसराई,
सावन आयो रे,
मन भावन आयो रे,
कन्हैया बाँसुरी बजा दे,
लाला सावन आयो रे।।
सारा जग में ढूंढ चुकी,
मोहे कोई ना भायो रे,
ऐसी सुन्दर गुजरिया,
लाला कहाँ से लायो रे,
सावन आयो रे,
मन भावन आयो रे,
कन्हैया बाँसुरी बजा दे,
लाला सावन आयो रे।।
चन्द्रसखी भज बाल कृष्णछवि,
ऐसी किरपा कीजे,
सावन मास के झूलन में,
मोहे चरणन की रज दीजे,
सावन आयो रे,
मन भावन आयो रे,
Bhajan Diary Lyrics,
कन्हैया बाँसुरी बजा दे,
लाला सावन आयो रे।।
सावन आयो रे,
मन भावन आयो रे,
कन्हैया बांसुरी बजा दे,
लाला सावन आयो रे,
कन्हैया बाँसुरी बजा दे,
लाला सावन आयो रे।।
स्वर – साध्वी पूर्णिमा दीदी जी।